ब्रेल लुईस जी का दृष्टिबाधित छात्रों एवं शिक्षकों के द्वारा मनाई गई जयंती
ब्रेल लुईस हमारे भगवान और प्रेरणास्रोत है - संगीता डेहरिया दृष्टिबाधित शिक्षिका
छिंदवाडा उग्र प्रभा (मोहिताजगदेव)-दिनांक 04/01/2023 को सी .डब्लू .एस .एन .बालक छात्रावास में दृष्टिबाधितों के मसीहा ,उनके जीवन से अंधेरे को दूर कर उजाले की रोशनी प्रगट करने वाले ,ब्रेल लिपि की खोज कर द्ष्टिबाधित साथियों को नई ऊर्जा देने वाले महान व्यक्ति लुईस ब्रेल की जयंती पर विश्व ब्रेल दिवस मनाया गया। ब्रेल लिपि दृष्टिहीन लोगों के लिए शिक्षा ,लिखित संचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अहम साधन है ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मोहिता मुकेश जगदेव द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया । लुईस ब्रेल के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए । तत्पश्चात छात्रावास के नि:शक्त व दृष्टिबाधित बच्चो के हस्ते केक कटवा कर लुईस ब्रेल जी का जनमदिवस मना कर खुशियां मनाई गई । कार्यक्रम में लुईस ब्रेल के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए श्रीमती संगीता डेहरिया ने कहा - लुईस जी ने हमारी उंगलियों को दी है आंखें और हाथों को दी है वाणी । अगर आज हम आत्यनिर्भर हैं ,सम्मानजनक जीवन जी रहे है, नार्मल लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं तो इसका श्रेय लुईस जी को ही जाता है अगर वे इस लिपि का आविष्कार नही करते तो हम पढ नही पाते ,न कुछ कर पाते । साथ ही उन्होने 6 बिंदु की ब्रेल लिपि के बारे में विस्तार से जानकारी दी और ब्रेल लिपी को बढावा देने पर जोर दिया ।बच्चों को पढने आगे बढने का कविता से संदेश दिया कि
यूं थक कर न बैठ कि
उडान अभी बाकी है ।
जमीं खत्म हो गई तो क्या
अभी पूरा आसमान बाकी है ।
श्री राजेंद्र कैथवास ने कहा माता पिता ने तो हमारे जैसे दृष्टिवाधित समाज को जन्म दिया है लेकिन लुईस ब्रेल ने हम दृष्टिवाधित समाज को रोशनी दी है और आगे बढने का रास्ता दिखाया ।श्री ज्ञानचंद सूर्यवंशी ने लुईस जी को दृष्टिवाधितों के भगवान बताते हुए कहा बेशक लुईस जी नही है तब भी वे हैं । क्यों ? क्योंकि उन्होंने हमारे लिए लिपि का आविष्कार किया जिसे पढ हम हर क्षेत्र में आगे बढ रहे हैं ,ऐसा कोई क्षेत्र नही है ,जिसमें हमारे दृष्टिवाधित साथी कार्य नही कर रहे । हमें सरकार व नार्मल लोगों का साथ मिले तो हम और बहुत कुछ कर सकते हैं । श्री जोसफ ने दृष्टिवाधित समाज को ब्रेल लिपि सीखना अनिवार्य बताया साथ ही वहां मौजूद बच्चों को आने वाली टेक्नालाजी सीखने पर विशेष जोर दिया । मंच संचालन का कार्य श्री भगत सर ने संभाला । सभी के उद्बोधन के बाद बच्चों को केक स्वलपाहार वितरीत किया गया ,बच्चे केक काट कर बहुत खुश हुए ।कार्यक्रम में MRC वीरेंद्र शिवहरे ,दशरथ साहू,संगीता डेहरिया ,अर्चना सूर्यवंशी ,मोहिता जगदेव ,वैष्णवी डेहरिया ,जोसफ सर, राजेंद्र कैथवास ,ज्ञानचंद सूर्यवंशी ,मुकेश जगदेव , भगत सर हरिचंद डेहरिया निदान मेहरा,भूमिक सूर्यवंशी छात्रावास का पूरा स्टाप व बच्चे आदि की गरिमामई उपस्थिति रही। अंत में ज्ञानचंद सूर्यवंशी द्वारा आभार प्रगट कर कार्यक्रम का समापन किया गया ।