चांद कॉलेज में राष्ट्रीय युवा दिवस पर विवेकानंद एक बिरली शख्सियत पर हुए व्याख्यान आयोजित
"विवेकानंद मनुष्यता निर्माण की चेतना के युगीन प्रतिनिधि थे": प्रो. सिंह
"विवेकानंद सनातन संस्कृति के संस्कारों में पगे बिरली शख्सियत थे": प्रो. सिंह
"विवेकानंद प्रखर बुद्धि की आभा की मेधावी हैसियत थे ": प्रो. सिंह
"विवेकानंद आध्यात्मिक मूल्यों से सराबोर शिखर पुरुष थे ": प्रो. सिंह
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उग्र प्रभा समाचार छिंदवाडा - चांद कॉलेज में राष्ट्रीय युवा दिवस पर राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा स्वामी विवेकानंद की बिरली शख्सियत पर आयोजित व्याख्यान में प्रेरक वक्ता डॉ. अमर सिंह ने कहा कि विवेकानंद मनुष्यता निर्माण की चेतना के युगीन प्रतिनिधि थे। वे सनातन संस्कृति के संस्कारों में पगे बिरली शख्सियत थे और वे प्रखर बुद्धि की आभा की ऐसी मेधावी हैसियित थे जो आध्यात्मिक मूल्यों से सराबोर शिखर पुरुष बनाती है। प्राचार्य डॉ. डी. के. गुप्ता ने कहा कि कठिन रास्ते खूबसूरत मंजिलों की ओर ले जाते हैं। असंभव की सीमा से संभव की सीमा अंतर्निहित ऊर्जा के प्रयोग से स्वयं को पूर्णता की ओर ले जाना की शिक्षा का अंतिम ध्येय है। प्रो.आर.के. पहाड़े ने कहा कि मकसद प्राप्ति हेतु पेड़ से मजबूत खड़े रहना पड़ता है। अपने काम में पूरी आत्मा डाल बाकी सब भूल जाना चाहिए। प्रो. विनोद कुमार शेंडे ने कहा कि समय पर साहस का संचरण न होना हार को न्यौता देना है। सांसारिकता से व्याकुल न होना अमरत्व को प्राप्त करना होता है। प्रो.सुरेखा तेलकर ने कहा कि सब कुछ कभी भी खत्म नहीं होता है, हर दिन एक नई राह दिखाता है। उम्मीद खोना सबकुछ खोने समान है। प्रो. रक्षा उपश्याम ने कहा कि पसीने की स्याही से लिखे पन्ने कभी कोरे नहीं होते हैं। निर्बलता ही मृत्यु है और ताकतवर होना जीवन। सोनाली चौरिया ने कहा कि जिद व जूनून दुनिया को बदलने की ताकत रखते हैं, वहीं मोहिनी वर्मा ने कहा कि महानता के लिए भय से विश्वास का बड़ा होना जरूरी है। अनुराग जम्होरे ने कहा कि कमजोर दिमाक है तो हर परिस्थिति समस्या बन जाती है। शुभम उईके ने कहा कि हर अच्छी बात का पहले मजाक उड़ाया जाता है, फिर स्वीकृत हो जाती है। अनुराग यादव ने कहा कि जो बुरे हालातों से निकलता है वह किसी का बुरा नहीं करता है। खुशबू वर्मा ने कहा कि सत्य को स्वीकारना सबसे बड़ा पुरुषार्थ है, राजेश्वरी वर्मा ने कहा कि कठिन समस्या से दूर भागने से नहीं, डटकर मुकाबला करने से समाधान निकलता है। कामिनी चौधरी ने कहा कि कामयाबी हाथ की लकीरों में नहीं, माथे के पसीने में होती है। अंकुर ने कहा कि स्वयं से बात कर एक बेहतरीन इंसान से मुलाकात करते रहना चाहिए। मीनाक्षी वर्ना ने कहा कि जीत संघर्ष की ऊंचाई के अनुपात में होती है। लक्ष्मी चौरिया ने कहा कि आत्मविश्वास का अभाव है तो भगवान पर भी भरोसा नहीं होता है। आरती मर्सकोले ने कहा कि जीवन में समस्यारहित होना गलत रास्ते पर चलने का सूचक है। अंबिका चौधरी ने कहा कि विलासिता रहित परहित का जीवन ही सफल जीवन है। आरती साहू ने कहा कि लक्ष्यपरक विचारों के अलावा दूसरे विचारों को दिमाक से खाली कर देना चाहिए। अंसार मंसूरी ने कहा कि जीवन में बने बनाए रास्ते नहीं मिलते हैं, उन्हें बनाना पड़ता है।