कविता संग्रह 'चरण कमलों के दौर में ' पर चर्चा गोष्ठी संपन्न
छिंदवाड़ा उग्र प्रभा समाचार(मोहिता जगदेव ) - प्रगतिशील लेखक संघ एवं हिंदी प्रचारिणी समिति छिंदवाड़ा के तत्वावधान में कवि मोहन कुमार डहेरिया के पांचवे कविता-संग्रह ' चरण कमलों के दौर में ' पर चर्चा गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में मोहन कुमार डहेरिया ने अपनी कविताओं का पाठ किया । संचालक कहानीकार दिनेश भट्ट ने कवि का परिचय देते हुए उनकी काव्य यात्रा का विस्तार से जिक्र करते हुए उन्हें प्रेम कविताओं का अत्यंत उल्लेखनीय कवि बताया । इटारसी से पधारे मुख्य समीक्षक डॉ. श्रीराम निवारिया ने जयशंकर प्रसाद तथा अज्ञेय की परंपरा में आज के समय की नई डरावनी आहटों को रेखांकित करने वाला कवि बताया। भिलाई से पधारे मुख्य अतिथि कवि बुद्धिलाल पाल ने कविता-संग्रह के शीर्षक को आज के भयावह दौर को रेखांकित करने वाला बताया। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.लक्ष्मीचंद ने कवि के जीवन को गद्यात्मक तथा पद्यात्मक दृष्टि से देखने वाले दृष्टिकोण की तारीफ की। हेमेंद्र कुमार राय तथा शेफाली शर्मा ने कविता संग्रह की कविताओं में सामाजिक, राजनैतिक चेतना की बात की, उन्होंने कविताओं की भाषा का बहाव, सहजता और विषय को पाठकों के अनुरूप बताते हुए कहा कि अंतिम दो पंक्तियों में बड़ी बात कहना मोहन कुमार डहरिया के शिल्प की विशेषता है । हिंदी प्रचारिणी के साहित्य सचिव रणजीत सिंह परिहार ने आभार प्रदर्शन करते हुए कवि की कुछ कविताओं का आंशिक काव्यपाठ किया। के.के. मिश्रा ने कविताओं पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की। स्वप्निल जैन ने ' कैसे बचाऊँ यह कविता ' की व्याख्या की । संजय पाठक ने कहा इन कविताओं में थोड़ी आशावादिता और होना चाहिए। लक्ष्मण प्रसाद डहेरिया ने कवि की जुझारु रचनाधर्मिता को पसंद किया। कार्यक्रम में मनोज गुप्ता, मनीषा जैन, चंदन अयोधि, मोहिता जगदेव, नीलेश अग्रवाल,अंकुर बाल्मीकि,दिनेश राम,नीरज कुमार साहू उपस्थित रहे।

