अग्निपथ: सैनिकों से पेंशन छीनने की साजिश, सेना में आऊटसोर्स, ठेका प्रथा लाने का षड्यंत्र- वासुदेव शर्मा
सेना में ही पेंशन बची थी, सैनिक आऊटसोर्स, ठेके पर भर्ती नहीं हो रहे थे, मोदीजी ने "अग्निपथ" लाकर सैनिकों से भी पेंशन छीन ली, आऊटसोर्स, ठेके पर सैनिक रखने का रास्ता खोल दिया है!
बहस सिर्फ अग्निपथ पर न हो, निजीकरण पर बहस होनी चाहिए, जिसके कारण नौकरियों में अनिश्चितता आई है, वेतन कम हुए हैं और समाज में असमानता बढी है!गरीब, मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों की नौकरियों में ही प्रयोग क्यों?अग्निपथ: अग्निवीर, अतिथि, आऊटसोर्स, ठेका प्रथा को नौकरियों में स्थाई बनाने वाली योजना?कलेक्टरों, डिप्टी कलेक्टरों, एसपी, एसडीएम, तहसीलदारों को अग्निवीर, शूरवीर बनाईए, इनकी नौकरी चार साल की करके दिखाईए,
इनके वेतन 15-20 हजार तक लेकर आईए, तब मानेंगे मोदीजी आप देश बदलने आए...गरीब, कमजोर पर तो कोई भी हुकूमत कर लेगा, ताकतवरों पर हुकूमत करके बताईए....