जिले में साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत "पढ़ना लिखना अभियान"
एवं "नवरात्रिभारत साक्षरता कार्यक्रम” शीघ्र किया जायेगा संचालित
छिन्दवाड़ा/ /राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार सत्र 2030 तक युवा एवं प्रौढ़ साक्षरता दर को 100 प्रतिशत प्राप्त करने के उद्देश्य से भारत सरकार के राष्ट्रीय साक्षरता प्राधिकरण द्वारा समस्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के ऐसे वयस्कों को, जो औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाये है और औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने की उम्र पार कर चुके है, उनकी निरक्षरता उन्मूलन के लिए साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत आगामी 31 मार्च 2022 तक "पढ़ना लिखना अभियान" एवं एक अप्रैल 2022 से 2027 तक के लिए "नवभारत साक्षरता कार्यक्रम” संचालित किया जायेगा । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य असाक्षरों को बुनियादी एवं कार्यात्मक साक्षरता प्रदना करना है जिससे परिपक्व शिक्षार्थियों को अपना ज्ञान बढ़ाने, नये कौशलों को सीखने, लाभकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने और अपने कैरियर की संभावनाओं को बेहतर बनाने का अवसर मिल सके जिससे वे सही मायने में अपने जीवन को समृध्द करने में सक्षम हो पायेंगे। इसके साथ ही उन्हे भारत सरकार और राज्य सरकार की लाभकारी योजनाओं की जानकारी देना भी है। कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन के मार्गनिर्देशन में जिले में "पढ़ना लिखना अभियान" की गतिविधिया प्रारंभ की जा रही हैं तथा आगामी एक अप्रैल 2022 से "नवभारत साक्षरता कार्यक्रम” भी संचालित किया जायेगा । इन दोनों कार्यक्रमों की कार्ययोजना बनाई जा रही है जिनका शीघ्र की क्रियान्वयन प्रारंभ किया जायेगा ।
जिला शिक्षा केन्द्र के जिला परियोजना समन्वयक श्री जगदीश इरपाची ने बताया कि "पढ़ना लिखना अभियान" के अंतर्गत मार्च 2022 की बुनियादी साक्षरता मूल्यांकन परीक्षा के लिये जिले को 10 हजार 702 असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा दिया गया है। इसमें असाक्षरों के चिन्हांकन के अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के असाक्षर, ऐसे असाक्षर जो पूर्व में सम्पन्न साक्षरता कार्यक्रम में शामिल नही हो सके थे, ऐसे व्यक्ति जिनके पास साक्षरता का कोई भी प्रमाण पत्र नहीं है और ऐसे असाक्षर जो कि साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत एन.आई.ओ.एस. द्वारा सम्पन्न परीक्षा में सी श्रेणी प्राप्त किए हों, का चिन्हांकन किया जायेगा । उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा असाक्षरों को साक्षर करने के लिये न्यूनतम मापदण्ड निर्धारित किए गए है जिसमें प्रत्येक नवसाक्षर में निर्धारित दक्षता होना अनिवार्य है। इसके अंतर्गत पढ़ना कौशल में अपना नाम, अस्पताल, बैंक, पंचायत के साईन बोर्ड आदि स्थानीय भाषा में पढ़ने में सक्षम होना, लेखन कौशल में हस्ताक्षर करना और अपना नाम, पिता/माता का नाम, परिवार के सदस्यों का नाम लिखने की दक्षता और संख्यात्मक ज्ञान में अंको के बारे में ज्ञान, स्थानीय भाषा में दो अंको का जोड़ और घटाव में सक्षम होना आवश्यक है । उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत असाक्षरों को पठन-पाठन कराने के लिये छात्र-छात्राओं, सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों, संस्थाओं एवं व्यक्तियों का निःशुल्क सहयोग लिया जाएगा जिन्हें “अक्षर
साथी” कहा जाएगा । कार्यक्रम के संचालन के लिये विद्यालयों, महाविद्यालयों, एन.सी.सी. एवं स्काउट गाइड के छात्र-छात्राए एवं बी.एड,डी.एड के प्रशिक्षणार्थी, गैर सरकारी संगठनों व संस्थाओं, व्यक्तियों आदि से समन्वय किया जायेगा