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देश के राष्ट्रपति महामहिम महोदय से सम्मानित एंव पुरस्कृत हुई छिंदवाड़ा जिले की आदिवासी संस्थान

 देश के राष्ट्रपति श्री कोविंद ने छिन्दवाडा जिले की समाजसेवी संस्था ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान को सम्पूर्ण भारत से सर्वश्रेष्ठ संस्थान की श्रेणी में किया पुरूस्कृत 

संस्था के निदेशक श्री धवले ने प्राप्त की प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रुपए की सम्मान निधि 



छिन्दवाड़ा/ / भारत के महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा विश्व दिव्यांगजन दिवस पर आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में "सर्वश्रेष्ठ संस्थान" की श्रेणी में छिंदवाड़ा जिले के ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान, सौंसर को दिव्यांगजनों के समग्र विकास, पुनर्वास एवं सशक्तिकरण के लिये किये गए कार्यों पर "राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार 2020" से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संस्था के निदेशक श्री अजय धवले ने प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रुपए की सम्मान निधि प्राप्त की। समारोह में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ.वीरेंद्र कुमार, राज्य मंत्री श्री रामदास आठवले व प्रतिमा भौमिक प्रमुखता से उपस्थित थे। इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये सम्पूर्ण देश से छिन्दवाडा जिले की संस्था का चयन होकर सम्मानित होने पर छिन्दवाडा जिला गौरवान्वित हुआ है।  इस उपलब्धि पर कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री हरेन्द्र नारायण सहित अन्य लोगों ने संस्था से जुडी समाजसेवी टीम को बधाई और शुभकामनायें दी हैं। उल्लेखनीय है कि संस्था को उत्कृष्ट सामाजिक कार्य के लिए पूर्व में भारत सरकार के नेहरू युवा केंद्र द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार, राज्य स्तरीय पुरस्कार व भगवान महावीर फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय महावीर पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं।              

 ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान के निदेशक श्री धवले ने बताया कि  संस्थान द्वारा छिन्दवाडा जिले के साथ ही छतीसगढ़ राज्य के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में दिव्यांगता, मानसिक स्वास्थ्य और विभिन्न क्षेत्र में विगत 30 वर्षों से सामाजिक कार्य किया जा रहा है। संस्था प्रत्यक्ष रूप से छिन्दवाडा जिले के विकासखंड सौंसर के  जाम सांवली हनुमान मंदिर परिसर और विकासखंड पांढुर्णा के साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य के  सुकमा जिले में करीब 7900 से अधिक दिव्यांगजनों और मानसिक रोगियों के सशक्तिकरण व पुनर्वास के लिये कार्यक्रम संचालित कर उन्हें समाज का अभिन्न अंग बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। संस्था की संकल्पना से दिव्यांगजनों को एकजुट कर उनके अधिकारों को दिलाने के लिये दिव्यांग संगठन और मानसिक रोगी देखभालकर्ता संगठन बनाये गये। संस्था मानसिक रोगियों को उचित उपचार उपलब्ध कराकर उन्हें स्वस्थ कर रही हैं। छतीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में संस्था के प्रयास से आजादी के बाद पहली बार दिव्यांजनों के दिव्यांगता प्रमाण बनकर उन्हें योजनाओं का लाभ मिल रहा है। संस्था छिन्दवाडा जिले के विकासखंड सौंसर के जाम सांवली हनुमान मंदिर परिसर में आने वाले मानसिक रोगियों को दुआ के साथ दवा देकर स्वस्थ करने का कार्य कर रही हैं। संस्था ने अनेक मानसिक रोगियों के परिवार की खोजबीन कर उन्हें परिवार से मिलवाया हैं। संस्था के प्रयास से हजारों दिव्यांगजनो के दिव्यांगता प्रमाण बनकर उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा हैं। दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन व बहुदिव्यांगजनों को विशेष सहायता अनुदान पेंशन मिल रही हैं। संस्था के प्रयास से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के उपक्रम एलिम्को द्वारा जिले के 4146 दिव्यांगजनों को 4.32 करोड़ रुपये के सहायक उपकरण वितरित किए गए।

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