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माता-पिता की इच्छा को पुरा करने के लिए आज्ञाकारी पुत्र वसुदेव डेहरिया ने एमबीबीएस शिक्षा पुर्ण करके डाँ बना अब एम डी के लिए चयन

 माता पिता की इच्छा को पुरा करने के लिए वसुदेव आज्ञाकारी पुत्र बना डाँ वसुदेव डेहरिया

एमबीबीएस शिक्षा पुर्ण करने के बाद डाँ वसुदेव डेहरिया का एम डी के लिए हुआ चयन

मता-पिता शिक्षक- शिक्षिका रहते  हुऐ बेटा-बेटी को दिये उच्च चिकित्सा शिक्षा दोनो को बनाया डाक्टर   


अमरवाड़ा उग्रप्रभा समाचार - डॉ वासुदेव डेहरिया का जन्म 9 सितंबर 1996 को सिविल लाइन अमरवाड़ा जिला छिंदवाड़ा में एक शिक्षित परिवार में हुआ इनकी माता-पिता श्रीमती दसोदी ब्रह्मानंद डेहरिया शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय अमरवाड़ा में शिक्षक पद पर पदस्थ हैं जिन्होंने सर्वप्रथम अपने बच्चों को सुसंस्कार की शिक्षा दी एवं उच्च शिक्षा दिलाई डॉ वासुदेव डेहरिया की एक बहिन वैशाली डेहरिया है जो महावीर मेडिकल कॉलेज भोपाल से एमबीबीएस कर रही है।डॉ वासुदेव डेहरिया की प्राथमिक शिक्षा ज्ञानदीप विद्या मंदिर अमरवाड़ा से केजी1  से पांचवी तक हुई बचपन से ही आप प्रतिभावान होने के कारण जवाहर नवोदय विद्यालय मैं आपका चयन हो गया और छठवीं से दसवीं तक नवोदय विद्यालय सिंगोड़ी में अध्यापन कार्य किया इसके बाद माता-पिता ने अच्छी कोचिंग के उद्देश्य से इनका प्रवेश विद्या भूमि पब्लिक स्कूल छिंदवाड़ा में करा दिया जिसमें 11th मैं अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हुए आपने शाला में प्रथम स्थान में रहकर छात्र प्रतिनिधि की भूमिका अदा की 12th में आपने सीबीएसई बोर्ड से 87% अंको से सफलता अर्जित की।

 इनकी माता श्रीमती दसोदी डेहरिया का संकल्प था कि बेटा वासुदेव को डॉक्टर ही बनाना है जिसमें ब्रह्मानंद डेहरिया ने अपनी इच्छा एवं सहमति प्रदान कर दी डॉ वासुदेव की मेडिकल क्षेत्र में ज्यादा रुचि न होते हुए भी माता-पिता की आज्ञा का पालन करते हुए आप को ब्रेन मास्टर कोचिंग सेंटर इंदौर में दाखिला दिलाया गया जहां वासुदेव डेहरिया ने अपनी प्रखर बुद्धि का जलवा दिखाते हुई ब्रेन मास्टर कोचिंग सेंटर  अपनी जगह टॉप टेन में सुनिश्चित कर और गोल्ड मेडल से सम्मानित हुए नीट परीक्षा 2014 में आपने अच्छे अंक अर्जित कर मध्यप्रदेश में 6वां स्थान अर्जित कर महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर में एमबीबीएस में प्रवेश लिया और 5 वर्ष तक पढ़ाई पूरी करके एमबीबीएस की डिग्री प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की*। *कोविड-19 में आप की नियुक्ति मेडिकल ऑफिसर सामुदायिक स्वास्थ्य अमरवाड़ा में हो गई कुछ महीने सेवाएं देने के बाद आपका लक्ष्य पीजी करने का रहा तो आपने नौकरी छोड़ दी और पीजी की तैयारी करने लगे कोविड के कारण 2019- 20  में मनपसंद ब्रांच नहीं मिल पाने से पुनः नीट की तैयारी छिंदवाड़ा में रहकर की जिससे इस वर्ष इच्छित मनपसंद  ब्रांच एमडी में शासकीय श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा में आपको दाखिला मिल गया और आप अपनी मेहनत एवं लगन से एक सफल डॉक्टर बनकर हम सभी के बीच आवे और सर्व समाज के दीन- हीन गरीबों की सच्ची सेवा कर अपना एवं माता पिता समाज का नाम रोशन करें। आपके माता-पिता समाज की बहुत ही सक्रिय कार्यकर्ता हैं समाज की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहने वालों में एक हैं आपके पिता ब्रह्मानंद डेहरिया मूलतः सिवनी जिले के निवासी हैं ।और  डेहरिया समाज अमरवाड़ा के विकासखंड अध्यक्ष हैं। साथ ही श्रीमती दसोदी डेहरिया मेहरा समाज महासंघ की विकासखंड अध्यक्ष के साथ साथ हाल ही में मेहरा महासंघ ने आपकी सक्रियता को देखते हुए महिला प्रकोष्ठ में मेहरा समाज महासंघ की राष्ट्रीय सचिव बनाया है व्यस्ततम  दिनचर्या होने के बाद भी आप अपने  समाज की महिलाओं को जागृत कर बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए बताया कि महिला शिक्षित होगी तो दो परिवारों को शिक्षा देगी।इनकी आर्दश देश की पहली महिला शिक्षक रही सावित्री बाई फुले जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में महिलाओं को पढ़ाने से हार नहीं मानी हम तो स्वतंत्रता के बाद संविधान में अधिकार मिला है जिसका उपयोग कर सभी महिलाएं पढे सभी आगे बढ़े यही उद्देश्य हमारा है।डॉ. वासुदेव डेहरिया अपना अनुभव बताते हुए अपने छोटे भाई बहनों को यही कहना चाहते हैं कि आप अपने माता-पिता एवं गुरुजनों का सदैव सम्मान करना चाहिए और जो भी क्षेत्र में आगे बढ़ना  चाहते हैं तो लक्ष्य निर्धारित जरुर करे और पूर्ण समर्पण के साथ ईमानदारी से प्रयास किया जाए तो सफलता आपके कदमों पर होगी। हमे आगे बढ़ने में सदैव अपने गुरुजनों एवं बड़ों का मार्गदर्शन लेते रहना चाहिए

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