प्रेमचंद जयंती पर संगोष्ठी सम्पन्न
छिंदवाड़ा उग्र प्रभा समाचार - प्रगतिशील लेखक संघ तथा हिंदी प्रचारिणी समिति छिंदवाड़ा के सयुंक्त तत्वावधान में प्रेमचंद जयंती पर एक कार्यक्रम आयोजन किया गया । सर्वप्रथम प्रेमचंद के चित्र पर माल्यार्पण किया गया फिर जाने-माने कथाकार दिनेश भट्ट ने ' सफेद धारियों वाला कोट ' कहानी का वाचन किया। डॉ. लक्ष्मीचंद ने प्रेमचंद की परंपरा और आधुनिक कथा साहित्य विषय पर वक्तव्य देते हुए सफेद धारियों वाला कोट कहानी को गाँव के बदलते यथार्थ को रेखांकित करने वाली प्रेमचंद की परंपरा में एक महत्वपूर्ण कहानी माना। प्रेमचंद के उपन्यासों का सामाजिक प्रभाव विषय पर बोलते हुए डॉ. मनीषा जैन ने कहा, प्रेमचंद की रचनाओं में उस दौर के सारे सामाजिक, राजनैतिक परिवर्तनों जैसे गरीबी, पिछड़ापन, शोषण, सांप्रदायिकता विधवा विवाह ,स्त्री विमर्श, दलित विमर्श की झलक मिलती है। इटारसी से पधारे कवि डॉ.श्रीराम निवारिया ने कई उदाहरणों से यह प्रतिपादित किया कि प्रेमचंद के साहित्य के बिना न केवल भारतीय बल्कि विश्व साहित्य भी अधूरा है। रणजीत परिहार ने प्रेमचंद के जीवन संघर्ष की जानकारी दी। प्रलेसं के अध्यक्ष हेमेंद्र कुमार राय ने कहा कि प्रेमचंद ने देश में होने वाले हर बदलाव को ठीक समय पर रेखांकित किया है। इसलिए प्रेमचंद साहित्य हमे प्रासंगिक रहेगा। कार्यक्रम का संचालन शेफाली शर्मा तथा आभार प्रदर्शन मोहिता जगदेव ने किया। कार्यक्रम में मोहन कुमार डहेरिया, लक्ष्मण प्रसाद डहेरिया, स्वप्निल जैन, नीलेश अग्रवाल, चंदन अयोधि, सुरेंद्र वर्मा, डॉ.टीकमणि पटवारी , सुरेंद्र वर्मा , संजय पाठक , गुणेंद्र कुमार दुबे,गोवर्धन यादव,डॉ. उमाकांत शुक्ला,जयंत ढोक, सहदेव कोल्हे, के के मिश्रा, एस एन डहेरिया उपस्थित रहे।
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