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पातालपानी रेल्वे स्टेशन का नाम महान क्रांतिकारी आदिवासी जननायक टंट्या मामा भील के नाम से रखने के लिए केन्द्र सरकार को जल्द प्रस्ताव भेंजिगे

 पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम अमर क्रांतिकारी टंट्या भील पर होगा



4 दिसम्बर को अमर क्रांतिकारी टंट्या भील को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने पातालपानी में होगा भव्य कार्यक्रम


टंट्या के जन्म स्थान बड़ोदा अहीर की मिट्टी लेकर निकलेगी कलश यात्रा

छिन्दवाड़ा/ भोपाल / मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 4 दिसंबर को अमर क्रांतिकारी टंट्या भील को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के उद्देश्य से पातालपानी में भव्य कार्यक्रम किया जाएगा। टंट्या मामा ने शोषण के विरुद्ध लड़ाई लड़ी और भारत माता को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त करने के लिए स्वयं का बलिदान कर दिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि टंट्या भील की स्मृति को अक्षुण रखने के लिए पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम अमर क्रांतिकारी टंट्या भील रेलवे स्टेशन करने का प्रस्ताव केन्द्र शासन को तत्काल भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक के पूर्व अपने संबोधन में यह बात कही। मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे-मातरम गायन के साथ आरंभ हुई।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वीर टंट्या भील को जबलपुर जेल में फाँसी दी गई थी। उनका अंतिम संस्कार महू के पास पातालपानी में हुआ था। वे हमारे पूज्यनीय हैं। राज्य सरकार ने तय किया है कि पूरे सम्मान के साथ उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे। टंट्या मामा का जन्म खण्डवा जिले में पंधाना के पास बड़ोदा अहीर गाँव में हुआ था। बड़ोदा अहीर की मिट्टी कलश में लेकर यात्रा आरंभ होगी। इसी प्रकार एक यात्रा सैलाना से भी आरंभ होगी। यह यात्राएँ 3 दिसम्बर को धार में आकर मिलेंगी और 4 दिसम्बर को पातालपानी पहुँचेंगी। यात्रा खण्डवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, देवास, उज्जैन, रतलाम, इंदौर जिलों से गुजरेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इन जिलों के प्रभारी मंत्री, जिलों के कलेक्टर और विभिन्न संगठनों से समन्वय कर आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें।

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