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अमरवाड़ा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत पौनार वीट में एक माह सें तेंदुआ का आतंक अभी भी वन विभाग गहरी नींद में

 अमरवाड़ा वन परिक्षेत्र के अन्तर्गत पौनार बीट में एक माह सें तेंदुआ का आतंक वन विभाग तलाश की जगह लगा रहा मुआवजा की मलहम 


पौनार /अमरवाड़ा उग्र प्रभा - वन परिक्षेत्र अमरवाड़ा के अन्तर्गत पौनार बीट में आने बाले ग्रामों में एक माह सें तेंदुआ नें आतंक मचाकर रखा हुआ है। 20 दिवस पुर्व पुर्तरा नाका के एक किसान कें घर में बंधी 10 बकरियों पर रात में हमला बोलकर मौत के घाट उतार दिया। सुबह किसान के द्रारा देखा गया तो सात बकरियां मृत मिली जिनका पेट फाडकर मांस खाकर तेंदुआ भाग निकला। जिसकी सूचना वन विभाग अमरवाड़ा को दी गई। मौका स्थल पर वन परिक्षेत्र अधिकारी एवं सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया। लक्षण देखते हुये तेंदुआ का हमला बताया गया। वन विभाग द्रारा किसान की क्षति की पूर्ति के तौर पर मुआवजा राशि तीन तीन हजार का प्रकरण बनाकर वन विभाग अमला आराम सें अपने बंगले और आफिस में आराम फरमा रहे हैं। तेंदुआ को पकडने एवं ढूंढने का प्रयास नही किया गया। गांव में जाकर कोटवार को सूचना देकर मुनादी करा दी गई। गांव से लोग बहार न निकले बस हो गयान विभाग की और से सुरक्षा मुनादी ही एक मूलमंत्र है सुरक्षा का वन विभाग की ओर से। बीच में आये दिन लोगो के द्रारा तेंदुआ को देखने की सूचना वन परिक्षेत्र अधिकारी वन विभाग को देते गये। लेकिन मक्कार की तरह तानाशाही रवैया को दिखाते हुए सूचना को झूटी मजाक समझते हुए तेंदुआ को पकडने ढूडने का प्रयास नही किया गया। जब बीस दिन बाद ग्राम पिपरिया मानु मे घर के अंदर घूसकर पुन बकरी पर हमला बोलकर मौत का घाट उतार दिया जिसकी सूचना पुनः वन विभाग को दी गई। जिसमे वनपाल एव वन रक्षक मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया पंचनामा तैयार करके मुआवजा के लिए प्रकरण तैयार किया गया उक्त सूचना वन परिक्षेत्र अधिकारी को दिया गया एवं उग्र प्रभा समाचार संपादक नीलेश डेहरिया के द्रारा बातचीत की गई समास्या को लेकर तो वन परीक्षेत्र अधिकारी का कहना है लोगो ग्रामीणों के द्वारा खबर को हउआ बनाया जा रहा है तेंदुआ इंसानों पर हमला नहीं करता सिर्फ पशुओं पर करता है जिसका हमारे द्वारा मुआवजा का प्रकरण बनाया जा रहा है 500 की बकरी की कीमत की जगह ₹3000 का प्रकरण बना रहे हैं लोगों के द्वारा झूठ फैलाया जा रहा है वन विभाग का काम तेंदुआ पकड़ना नहीं है यह सामान्य विभाग है वन्य जीव प्राणी विभाग के द्वारा तेंदुआ पकड़ा जाएगा जब रेंजर से सवाल किया गया आज पशुओं पर हमला हो रहा है कल इंसान पर होगा जिसकी भरपाई आप क्या मुआवजा से करेंगे रेंजर का साफ कहना है तेंदुआ आदमखोर नहीं होता ना इंसानों पर हमला करता है। पेंच क्षेत्र चौरई में टाईगर आये दिन दिखता है जहा लोग डरते नही इधर के लोग छोटा सा जानवर  सें डर रहे हैं ऐ तो तेंदुआ है। पीएससी से परीक्षा पास करके साहब वन परीक्षेत्र अधिकारी तो बन गए लेकिन उनको इतना भी पता नहीं है तेंदुआ आदमखोर होता है जब भूख में रहता है तेंदुआ इंसानों को भी नहीं छोड़ता ना बच्चों को एक घड़ी बाघ हमला नहीं कर सकता लेकिन तेंदुआ आदमखोर होता है।

वन विभाग भी जंगली जानवर तेंदुआ को पनाह दे रहा है। और क्षेत्र में डर दहशत का महौल बना हुआ है। अब क्षेत्रवासी अपनी  समास्या किस विभाग को बताये।

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