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युवा जनजाति प्रतिभा सम्मान एवं सामाजिक मिलन समारोह में शामिल हुई राज्यपाल सुश्री उइके

 युवा जनजाति प्रतिभा सम्मान एवं सामाजिक मिलन समारोह में शामिल हुईं राज्यपाल सुश्री उइके 

अधिकारों के प्रति जागरूकता, संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन तथा युवाओं के क्षमता के सदुपयोग से ही आदिवासी समाज का होगा उत्थान : राज्यपाल सुश्री उइके 

 उग्र प्रभा समाचार //26 अक्टूबर 2022 // राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके अपने छिंदवाड़ा प्रवास के दौरान आज युवा जनजाति प्रतिभा सम्मान एवं सामाजिक मिलन समारोह में शामिल हुई। इस अवसर पर उन्होंने समाज के प्रतिभावान युवाओं का उत्साहवर्धन कर उन्हें सम्मानित किया। 

 कार्यक्रम में राज्यपाल सुश्री उइके ने सम्मानित युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि युवाओं के हौसले और उपलब्धियों से जनजातीय समाज को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता, संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन तथा युवाओं के क्षमता के सदुपयोग से ही आदिवासी समाज का उत्थान होगा और युवाओं के सशक्त नेतृत्व से वे मुख्यधारा से शीघ्र जुड़ पाएंगे। 

राज्यपाल ने कहा कि संविधान में आदिवासी समुदायों को अनेकों अधिकार दिए गए हैं, लोगों को इन प्रावधानों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए ताकि वे अपने हितों की रक्षा स्वयं कर सकें। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज जनजातीय समाज को गौरवान्वित होने का अवसर मिला है और एक आदिवासी महिला सर्वोच्च पद पर आसीन होकर देश की राष्ट्रपति बनी हैं। इस बदलाव से जनजातीय समाज को एक सशक्त आवाज और नई पहचान मिली है।आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने से जनजातीय समुदाय की बेटियों और महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलने की बात उन्होंने कही। राज्यपाल सुश्री उइके ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की कुछ जनजातियों के नाम में मात्रात्मक त्रुटि के कारण उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की पहल से छत्तीसगढ़ के 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने हेतु केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है। 

      उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज को आगे बढ़ने के लिए शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। शिक्षा अधिकारों के प्रति जागरूक करती है और आप अपने हितों का संरक्षण कर पाते हैं। आदिवासी समाज की बेहतरी के लिए शासकीय प्रयासों के साथ-साथ समाज के लोगों की भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग की आवश्यकता होगी। राज्यपाल ने अंत में कहा कि इस कार्य में सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा प्रबुद्धजनों को अपनी भूमिका निभानी होगी। 

   इस अवसर पर डॉ. दीपेंद्र सल्लामे, डॉ. रजनीकांत परते, सुश्री माधुरी भलावी सहित आदिवासी समाज के प्रबुद्धजन बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।

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