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किसन पुत्र विक्रम आहके छिंदवाड़ा निगम कें महापौर चुने गए पिता पेशे से छोटे किसान है माता आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं है

किसन पुत्र विक्रम आहके छिंदवाड़ा निगम कें महापौर चुने गए पिता पेशे से छोटे किसान है माता आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं है

छिंदवाड़ा निगम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम आहके ने महापौर पद पर विजयी पाकर भाजपा की नींद उडा दी. 


सोशल मीडिया में नव निर्वाचित छिंदवाड़ा निगम महापौर विक्रम आहके की वायरल तस्वीर लकड़ी के गड्ढे का बोझ ढोते हुए

छिंदवाड़ा उग्र प्रभा समाचार - नगर पालिक निगम महापौर कें नतीजें ने दिग्गज नेताओं को सदमें में डाल दिया। छिन्दवाड़ा निगम महापौर सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित थी। भाजपा ने अनंत धुर्वे को महापौर पद का उम्मीदवार बनाया  जो पेशे से नगर निगम छिंदवाड़ा मे असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर पदस्थ रहे। गौधूलि वृद्ध आश्रम छिंदवाड़ा में लंबे समय से अधीक्षक की भूमिका पर कार्य किया ।

वही कांगेस नें ऐसे गरीब आदिवासी परिवार  एवंं छोटे सें गांव में जन्मे किसान पुत्र  विक्रम आहके 32 बर्षीय युवा पर महापौर पद का उम्मीदवार बनाकर किस्मत अजमाया । 


छिन्दवाड़ा की जनता नें विक्रम आहके पर विश्वास जताया कुल 64363 मत प्राप्त करके भाजपा के प्रतिद्वंदी को 3786 मतो सें पराजित करके कांग्रेस के 15 बर्ष के वनबास को खत्म करके साथ ही  शहरी सरकार पर काबिज होने का मौका मिला । वही भाजपा के उम्मीदवार को कुल 60577 मत प्राप्त हुए। 

छिंदवाड़ा नगर निगम महापौर का चुनाव दिलचस्प रहा सबकी निगाहें छिंदवाड़ा महापौर चुनाव नतीजें पर लगी  हुई थी। चुनाव के पहले चुनावी गलियारो पर विक्रम का नाम उम्मीदवार के तौर पर आते ही चर्चा का विषय बना हुआ था। 

कांग्रेस नें भाजपा को वाकाओवर दिया। यह चर्चा का विषय रहा।  


हंसी मजाक का पात्र विक्रम को समझकर विपक्ष के द्वारा चुनाव लडा गया। इस चुनावी दौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांच दिन के अंतराल में दो बार छिंदवाड़ा पंहुचकर  भाजपा के उम्मीदवार अनंत धुर्वे के पक्ष में रोड शो एवं जनसम्पर्क किए। गली गली घूमकर भाजपा के पक्ष में वोट करने  अपील की। छिंदवाड़ा की जनता नें अपील के विपरीत वोट  किया। और प्रदेश के मुखिया को चिंतन में डाल दिया।

पूर्ववर्ती चुनाव नगर निगम छिंदवाड़ा का देखा जाए तो पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार पूर्व कैबिनेट मंत्री चंद्रभान सिंह चौधरी के करीबी भाजपा नेता योगेश सदारंग की धर्मपत्नी श्रीमती कांता सदारंग को उम्मीदवार बनाया गया था। और निर्वाचित होकर छिंदवाड़ा निगम की पहली महापौर बनने का सौभाग्य हासिल कि। एवं जिला पंचायत चुनाव में भाजपा नें परचम लहराकर जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा का बनाया था। लेकिन इस चुनाव में भाजपा का पलडा भारी नही दिखा। जिसमें संगठन में खलबली मची हुई है। 

राजनीतिक पंडितों के द्वारा आकलन लगाया जा रहा है भाजपा का हार का मुख्य कारण वरिष्ठ भाजपा नेताओ को दरकिनार करके चुनाव लड़ना। भाजपा के बागी उम्मीदवारो को साथ लेकर नही चलना नतीजन रहा है। बही कांग्रेश में जीत का कारण रहा है गरीब किसान का युवा बेटा सरल सहज शिक्षित मिलनसार समस्याओं मै पले बढें जो दूसरे के दुख दर्द को भले बातें समझ सके। हरदम मदद के लिए तैयार रहें।कांगेस में भी दिग्गज आदिवासी नेताओ की एक लंबी सूची रहने के बाद पुर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ नें अपने विश्वास पात्र एक गांव के रहने युवा आदिवासी चेहरा विक्रम आहके.


पर पुर्ण विश्वास जताकर चुनावी मैदान में उतारा गया।  छः माह पुर्व ही नगर निगम शहरी क्षेत्र छिंदवाड़ा मतदाता सूची में नाम जोडवा लिया गया था।

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