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घसनवाडा हल्का तहसील अमरवाडा में पदस्थ पटवारी की गुंडागर्दी दलित महिला किसान को माँ बहन की गाली गलौच देकर घर तोडने की हिदायत दी गई

 घसनवाडा हल्का तहसील अमरवाडा में पदस्थ पटवारी की गुंडागर्दी दलित महिला किसान को माँ बहन की गाली गलौच देकर घर तोडने की हिदायत दी गई 

पटवारी हल्का घसनवाडा की करतूस सें अतिक्रमण जमीन पर पैसो की लालच से  दूसरे व्यक्ति के नाम पर अतिक्रमण का केस बनाया गया

अमरवाड़ा - मामला अमरवाड़ा तहसील का है। बिस्तुराम पिता मानक डेहरिया साकिन धसनवाड़ा तहसील अमरवाडा जिला छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश का निवासी है। बिस्तुराम डेहरिया के पास अल्प निजी भूमि होने के कारण परिवार का भरण पोषण के उदेश्य से पचास वर्षों से परती शासकीय भूमि खसरा नम्बर 350,357 पर अतिक्रमण करके फसल बोना शुरु कर दिया गया जो आज तक काबिज है। जिसका जुर्माना तहसील कार्यालय में 2006 -2007 में जमा किया गया।  हल्का पटवारी संजय डोबलेकर के द्रारा पैसो की लालच पर आकर पहले से अतिक्रमित जमीन पर दूसरे व्यक्ति इन्द्रकुमार पिता परसराम के नाम पर अतिक्रमण केस बनाकर 18 मई 2022 को 3000 रुपये का चलान जुर्माना भराया गया।। 


जिसमे पटवारी  की साफ लापरवाही देखने को मिल रही है। बर्षो सें कब्जेदार  बिस्तुराम डेहरिया एवं उनकी पत्नी कृष्णा बाई डेहरिया कें निवास स्थान पर पंहुचकर पटवारी नें जमीन छोडनें एवं घर तोडनें की हिदायत दी। बुजुर्ग गरीब दम्पति के द्रारा निवेदन करने पर पटवारी के बिगडे बोल तुम्हारे बाप की जमीन है जो कब्जा करके बैठे हैं। जब पटवारी बाप दादे पर आया तो थोडी नोकझोंक दोनो तरफ बोलचाल शुरु हुआ और फिर पटवारी गुंडागर्दी में उतारु होकर माँ बहन की गाली गलौच देने लगा और कहा सैनिक कि नौकरी करकें आया हूं बीच चौराहे पर जिंदा जला दूंगा। इतना सुनकर दलित दम्पति डरकर शांत हो गये। 


इंद्र कुमार पिता परसराम के द्वारा कभी भी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण नहीं किया गया इसके बावजूद भी पटवारी के द्वारा अतिक्रमण का केस बनाया गया जिसमें दर्शाया गया इनके द्वारा गेहूं चना मक्का की फसल लगाई जाती हैं जो बेबुनियाद झूटा प्रकरण है मनचाही रकम लेकर पटवारी के द्रारा ऐसा कारनामा को अंजाम दिया गया है। ग्राम पंचायत सरपंच एवं जनपद सदस्य तमाम पंचों के द्वारा लिखित में गवाही पेश की गई यह जमीन पर विस्तुराम मानक डेहरिया का कब्जा है पचास बर्षो से इन्हे कास्तकारी करते देखते आ रहे हैं। पटवारी   की इतनी बड़ी लापरवाही पर अधिकारी मौन है। देखना होगा ऐसे लापरवाह कर्मचारियों पर अधिकारी क्या कदम उठाते हैं। या पैसो के चक्कर में ईमान झूठ बेजा जायेगा ।

जब उग्र प्रभा समाचार के संपादक नीलेश डेहरिया नें पटवारी संजय डोबलेकर सें इस विषय पर फोन पर एंव  बैठकर चर्चा की तो पटवारी की और सें कहा खसरा न 350 मेरे संज्ञान में नही था जिस पर बिस्तुराम काबिज है। जानकारी के अभाव में ऐसा हो गया। इन्द्रकुमार के निवेदन करने पर मेंने अतिक्रमण केस बना दिया। संपादक की और सें कहा गया आपसे कोई भी किसान निवेदन करेगा तो आप नियमों को दरकिनार रखकर काला का सफेद और सफेद का काला करने का अधिकार आपके पास शासन पास कर दी है।पटवारी को अपनी गलती को अह्सास हुआ और कहा गया बिस्तुराम डेहरिया सें एक आवेदन तहसीलदार को संसोधन के लिए दिला दीजिए। आवेदन देने के बाद अब पटवारी कोई कार्यवाही करने को तैयार नही है। 

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