मेहरा समाज महासंघ व झारिया समाज की युवा क्रांति के तत्वावधान में गोटेगांव में संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ बाबा साहब अम्बेडकर की 131 जयंती समारोह धूमधाम से मनाया गया.
नरसिंहपुर उग्र प्रभा समाचार -मेहरा समाज महासंघ द्वारा जबलपुर एवं नरसिहपुर के गोटेगाव मे आयोजित सविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर के 131 वे जयंती समारोह समाज अन्य साथियो के साथ मेरे द्वारा उल्लास पूर्वक मनाया गया, मुख्य मार्गो पर विशाल वाहन रैली निकाली गई। खेमराज झारिया राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मेहरा समाज महासंघ द्वारा मेहरा समाज महासंघ की अमरवाडा , जबलपुर की लाइब्रेरी एवं मझौली गोटेगाव, पचपेढी की धर्मशालाओ को भारतीय संविधान की 20 प्रतियो के बाबा साहब के मिशन, प्रतियोगी परिक्षा हेतु उपयोगी 60 से अधिक पुस्तके अध्ययन हेतु प्रदान की गई। कार्यक्रम के दौरान झारिया समाज के गणमान्य सदस्यों ने मध्यप्रदेश में समाज के अच्छी-खासी जनसंख्या होने के बाद भी लोकसभा-विधानसभा में प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर अफसोस जाहिर किया.कार्यक्रम के दौरान अतिथि नरसिंहपुर विधायक जालम सिह पटेल ने बाबासाहेब अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए बाबा साहेब के आर्दशों को नरसिंहपुर के गांव-गांव तक पहुंचाने वाले झारिया समाज के युवा क्रांति समूह की प्रंशसा करने के साथ उसके नेता राधे लाल झारिया एवं झारिया समाज गणमान्य सदस्यों का स्वागत किया.
कार्यक्रम का अलगे चरण में विशाल वाहन रैली का आयोजन किया गया, जिसमें नरसिंहपुर और मध्यप्रदेश के अन्य जिलों से आए झारिया समाज के नवयुवकों ने बढ़-चढ कर हिस्सा लिया. वाहन रैली के मार्ग में पीने के पानी के साथ मुख्य कार्यक्रम स्थल पर भंडारे की व्यवस्था की गई थी. कार्यक्रम में झारिया समाज के गणमान्य सदस्यों ने बाबा साहेब अम्बेडकर के जीवन संषर्घ और उनके समाज हित में किए गए कार्यों का उल्लेख किया.
इस अवसर पर रायसेन जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर मेहरा, जनपद सदस्य गोरेलाल झारिया, झारिया समाज की युवावाहिनी “युवा क्रांति समूह” के नेता राधेलाल झारिया, मानसिंह मेहरा, जनकलाल झारिया और अन्य ने इस बात पर अफसोस जताया कि मध्यप्रदेश में मेहरा जाति की जनसंख्या 35 लाख होने के बाद भी उनके समाज से कोई सांसद या विधायक जैसा जनप्रतिनिधि नहीं है, जबकि पांच-सात लाख की जनसंख्या वाले समाजों के सात-सात विधायक और दो-दो सांसद हैं. एक प्रकार से धनाडय वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिये बीते 70 साल से संसाधनविहीन झारिया समाज के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है. लोकतंत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के एक बहुसंख्यक जाति मेहरा अधिकार नहीं मिलने से लोगों में भारी आकोश है.अधिक संख्या में समाज जन उपस्थित रहे