स्वास्थ्य विभाग से निकाले गए कंप्यूटर आँपरेटरो ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर काम पर वापस लेने की उठाई मांग
नौकरी में वापस नहीं लिए जाने पर कलेक्ट्रेट में करेंगे अनशन
छिंदवाड़ा। प्रधानमंत्री ने जिन पर फूल बरसाए, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जिन्हें कोरोना योद्धा घोषित किया, लोगों ने जिनके सम्मान में ताली, थाली बजाई, दिए जलाए उन्हें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोरोना का कहर कम होते ही ऐसे आधा सैकडा कर्मचारियों को नौकरियों से हटा दिया। स्वास्थ्य विभाग के हटाए गए कंप्यूटर आॅपरेटरों ने आज कामगार कर्मचारी कांग्रेस के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा की अगुआई में कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन कर नौकरी पर वापस लेने की मांग एकजुट होकर उठाई और काम पर वापस नहीं लिए जाने पर कलेक्ट्रेट पर आमरण अनशन की चेतावनी दी। प्रदर्शन में निकाले गए कर्मचारियों की ओर से पूजा यदुवंशी, गीता यादव, श्वेता पांडे, माधवी निरापुरे, ऊषा पवार, संजय मालवीय, कुनाल इंदौरकर, निर्मला बालपांडे, नीवेश पाटिल, विजय सैण्डे, संजय सिरसे, विनोद, प्रीति आवारी, चांदनी विश्वकर्मा, प्रकाश भावरकर सहित बडी संख्या में लोग शामिल रहे।
स्वास्थ्य विभाग के निकाले गए कंप्यूटर आॅपरेटरों ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथजी एवं सांस नकुलनाथजी से मुलाकात कर उन्हें अपनी पीडा सुनाई। कामगार कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथजी एवं सांसद नकुलनाथजी के निर्देश पर कर्मचारियों, न्यूनतम वेतन पर काम कर रहे आऊटसोर्स कर्मियों, ठेका कर्मचारियों श्रमिकों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रही है, इसीके तहत आज स्वास्थ्य विभाग के निकाले गए कर्मचारियों की मांगों को प्रशासन तक पहुंचाया और मांगे पूरी नहीं होने पर अनशन करने की घोषणा की।
भवदीय
वासुदेव शर्मा
अध्यक्ष
कामगार कर्मचारी कांग्रेस
